Monday, January 6, 2014

राखी के पाखण्ड पर, दिल्ली वाले दंग - दो दिन में दिखला दिया, अपना असली रंग




राखी के पाखण्ड पर, दिल्ली वाले दंग
दो दिन में दिखला दिया, अपना असली रंग
अपना असली रंग, मुखौटा उतर गया है
आम होगया ख़ास, ज़ेहन तक असर गया है  
पाई पहली बार, कार जब नौ-दस लाखी
भूल गई औक़ात, लाज खूंटी पर राखी 


सावधान !  ख़बरदार !!   होशियार !!!
दिल्ली के मन्त्रियों को भले ही सुरक्षा की ज़रूरत न हो, परन्तु दिल्ली के अवाम को तो अब अपने और अपने बच्चों के लिए सुरक्षा मांग ही लेनी चाहिए क्योंकि  मज़ाक मज़ाक में उसने ऐसे लोगों को हुक्मरान बना दिया है जिनका कोई भरोसा नहीं कि कब, किस मासूम को खेलने के अपराध में जेल जाना पड़  जाए -

हा हा हा पता नहीं कब किस बाप को इसलिए जेल जाना पड़ जाए कि उसने ऐसी अपराधी औलाद पैदा की कि जो क्रिकेट खेलती है और अपनी गेन्द से मन्त्रीजी की गाड़ी के काँच तिड़का देती है

दिल्ली वालो!  अगर कुछ दिन पहले सचमुच आपने उनके कांच तोड़ दिए होते तो आज ये दिन न देखना पड़ता

जय हिन्द !
अलबेला खत्री










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