Wednesday, October 30, 2013

लौहपुरुष और प्रियदर्शिनी को आत्मिक नमन


कृतज्ञ राष्ट्र आज नमन कर रहा है
लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल 
और प्रियदर्शिनी श्रीमती इंदिरा गांधी को ....

लौहपुरुष और प्रियदर्शिनी को आत्मिक नमन

albela khatri on patna bomb blast

albela khatri on patna bomb blast

Tuesday, October 29, 2013

चूहों की आवाजाही से शैलशिखर नहीं हिलते हैं - अलबेला खत्री



पटना में सीरियल बम ब्लास्ट ............

स्वानों ने सोचा जंगल के राजा को दहला देंगे
दादुर ने सोचा सागर को पीकर मन बहला लेंगे  

गीदड़दल ने साज़िश की गजराज को आँख दिखाने की
अंगारों ने की  कोशिश  सूरज को आग लगाने की

किन्तु उन्हें मालूम न था, लोटे में यान न चलते हैं
चूहों की आवाजाही से शैलशिखर नहीं हिलते हैं

देशद्रोहियों का सारा अरमान धरा रह जाएगा
कुछ भी करलो, नरेन्द्र मोदी आएगा तो आएगा

_______जय हिन्द !
_______अलबेला खत्री
hasyakavi albela khatri presents modi aao, desh bachao

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Monday, October 28, 2013

कुल मिला कर यह एक वास्तविक अखिल भारतीय कवि सम्मेलन था जहाँ कवितायें सुनीं और सराही गयीं


अद्भुत ! अद्भुत !! अद्भुत !!!  सचमुच अद्भुत नज़ारा था कोटा दशहरा मेला का .........मानो पूरा शहर ही दुल्हन की भांति सजा रखा था  नगर निगम कोटा ने ,,,,,,,,,,,,,विशेषकर मेला परिसर की रंगीनियां तो गज़ब थीं ...पूरा वर्णन करने बैठूं तो पूरी रात इसी में बीत जायेगी  इसलिए यहीं पर नगर निगम कोटा को बधाई  और आयोजन समिति का अभिनन्दन करते हुए  आपको ले चलता हूँ  वहाँ, जहाँ हमारा सफलतम अखिल भारतीय कवि  सम्मेलन संपन्न हुआ ..........

 कवि सम्मेलन आरम्भ होने से पहले ऊँचे,विराट और जगमगाते भव्य मंच पर सुशोभित थीं तीन ज़बरदस्त महिला मंच संचालिकाएं जिन्होंने आवागमन के दौर में भी समां  बांधे रखा और कविता के लिए माहौल बनाया . सरस्वती माँ के समक्ष मंगल दीप प्रकटाने के बाद  आमंत्रित कवियों का सम्मान  हुआ व युगराज जैन को मंच सञ्चालन सौंप दिया गया जिन्होंने अपना दायित्व बख़ूबी निभाते हुए रसपूर्ण सञ्चालन किया . कविवर हरिओम पवार, प्रताप फ़ौज़दार, अलबेला खत्री,  सुरेन्द्र यादवेन्द्र,  युगराज जैन, मंजीत सिंह, अनामिका अम्बर, काव्या  मिश्रा, सुश्री नेहा व नवोदित हर्षवर्धन इत्यादि सभी ने उम्दा से उम्दा काव्यपाठ किया और कार्यक्रम को ऊंचाई पर पहुँचाया .

यद्यपि मुझे ख़ूब डराया गया था कि  कोटा के दशहरा मेला कवि  सम्मेलन में लोग कविता सुनने नहीं बल्कि कवियों को हूट करने आते हैं इसलिए वहाँ कोई भी नहीं जमता ...परन्तु सच का दृश्य तो मैंने कुछ और ही पाया .........मुझे खूब सुना, खूब दाद दी ..यहाँ तक कि दामिनी वाले छंद पर और  मोदी वाली पैरोडी पर तो  लोगों ने आ कर  मालाओं और गुलदस्ते से अभिनन्दन भी किया ....कुल मिला कर  यह एक वास्तविक अखिल भारतीय कवि सम्मेलन था जहाँ  कवितायें सुनीं और सराही गयीं

धन्यवाद कोटा की रसज्ञ जनता
आभार नगर निगम कोटा
जय हिन्द !
-अलबेला खत्री 



Friday, October 25, 2013

ऑफ़िसर्स क्लब के कवि सम्मेलन मंच पर 'काव्य-कुम्भ' का विमोचन और लोकार्पण



सूरत समेत दक्षिण गुजरात में रहने वाले कुछ नये नवेले और कुछ पुऱाने कवि / कवयित्रियों की काव्यकला को प्रसारने के लिए उनकी काव्य-प्रस्तुति पर आधारित बहुप्रतीक्षित  ऑडियो एल्बम 'काव्य-कुम्भ' प्रथम अंक का विमोचन और लोकार्पण शरद पूर्णिमा रात नलवा ऑफ़िसर्स क्लब  के कवि  सम्मेलन मंच पर  नलवा स्टील एंड पावर लिमिटेड के मुखिया श्री पी एस राणा के हाथों संपन्न हुआ .

इस अवसर पर कविवर  डॉ कर्नल वी पी सिंह, प्रताप फौजदार प्रदीप चौबे, योगिन्द्र मौदगिल, रामगोपाल शुक्ल, ब्लॉगर ललित शर्मा  तथा नलवा ऑफ़िसर्स क्लब के जनरल सैक्रेटरी श्री प्रकाश यादव समेत अनेक अधिकारीगण उपस्थित रहे . एल्बम का निर्माण हास्यकवि अलबेला खत्री ने किया है .

जय हिन्द !

the lokarpan of hasyakavi albela khatri's kavyakumbh

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Thursday, October 24, 2013

मन्ना दा चले गए और मेरे वे गीत गूंगे ही रह गए ..............



प्यारे दोस्तों !
स्वर सम्राट मन्ना डे  के निधन से मुझे वैयक्तिक धक्का पहुंचा है . बड़ा अरमान था मन में कि अपने कुछ साहित्यिक गीतों और कुछ  हास्यगीतों को मन्ना दा के सुरों में स्वरबद्ध कर के एक शानदार एल्बम निकालूं .........अपने प्रिय मित्र संगीतकार अर्णब चटर्जी के संगीत निर्देशन में यह एल्बम निकालने की पूरी तयारी हो चुकी थी ....बस प्रतीक्षा थी तो मन्ना दा के स्वस्थ होने की ...परन्तु वे स्वस्थ हो कर लौटने की बजाय  परलोक चले गए और मेरे वे गीत गूंगे ही रह गए ..............

सुर, स्वर और संगीत के समन्दर में यों तो अनेक बड़ी बड़ी लहरें उठीं और शांत हो गईं परन्तु मन्ना  डे  एक ऐसी ऊँची और विराट लहर थे  जिसकी रवानी की गूंज हमारे मन में ही नहीं  आत्मा में भी स्पन्दन पैदा करती थी .

उनकी आत्मिक शान्ति के लिए आत्मिक प्रार्थना और शत शत नमन

-अलबेला खत्री
the poem of albela khatri

Wednesday, October 23, 2013

नलवा ऑफ़िसर्स क्लब में शरद पूनम की रात खूब जमा हास्य हंगामा 2013



छत्तीसगढ़ में कविता सुनने वालों का अन्दाज़ बहुत प्यारा है .  कविता अच्छी हो तो रात भर बैठे रह सकते हैं  परन्तु कविता में दम न हो तो  जल्दी ही महफ़िल छोड़ कर घर चले जायेंगे .  यह सुखद संयोग था कि  नलवा स्टील एंड पावर लिमिटेड रायगढ़ में नलवा ऑफिसर्स क्लब के लिए आयोजित व अलबेला खत्री द्वारा मंच संचालित हास्य हंगामा 2 0 1 3 कवि  सम्मेलन में कवि भी अच्छे थे और कवितायेँ भी बेहतरीन थीं इसलिए शरद पूनम की रात, रात भर  लोग  काव्य आनंद में गोते लगाते रहे .

यूनिट के मुखिया श्री पी एस राणा के मुख्य आतिथ्य में संपन्न इस रंगारंग कार्यक्रम में सर्वश्री डॉ कर्नल वी पी सिंह, प्रताप फौज़दार, प्रदीप चौबे, योगेन्द्र मौदगिल, रामगोपाल शुक्ल  व अलबेला खत्री ने  काव्यपाठ किया . श्री प्रकाश यादव के संयोजन में संपन्न इस सफल कार्यक्रम में रायगढ़ के समाजसेवी श्री महावीर अग्रवाल  का भी विशेष योगदान रहा .

प्रख्यात हिंदी ब्लोगर श्री ललित शर्मा समेत सभी कवियों को पुष्पगुच्छ एवं स्मृतिचिन्ह से सम्मानित करते हुए श्री राणा ने कहा कि  यह हास्य हंगामा उन्हें इतना  पसंद आया कि अगले वर्ष भी  इसका आयोजन करेंगे .

प्रस्तुत है  कुछ फोटो :

जय हिन्द !
-अलबेला खत्री

hasya hungama 2013 at nalwa officers club raigarh CG

hasya hungama 2013 at nalwa officers club raigarh CG
hasya hungama 2013 at nalwa officers club raigarh CG

hasya hungama 2013 at nalwa officers club raigarh CG
hasya hungama 2013 at nalwa officers club raigarh CG

hasya hungama 2013 at nalwa officers club raigarh CG

hasya hungama 2013 at nalwa officers club raigarh CG

Thursday, October 17, 2013

हास्यकवि चला काव्य-यात्रा पर लोगों को हँसाने और धूम मचाने


लो जी हम तो चले यात्रा पर
लोगों को हँसायेंगे
धूम मचायेंगे
जय हिन्द ! 


hasyakavi albela khatri

hasyakavi albela khatri
hasyakavi albela khatri

hasyakavi albela khatri
hasyakavi albela khatri

hasyakavi albela khatri


अब क्या करूँ ? धन्यवाद दूं इस चोरी के लिए या विरोध करूँ ?


अपनी चोरविद्या  में संत तरुण सागर जी को क्यों शामिल करते हो भाई पाठक जी ?

मेरी एक साधारण सी कविता जो कि संयोग से बहुत प्रसिद्ध हो गयी है आजकल कई लोग उसे अपने काम में ले रहे हैं . कितने ही पोस्टर में वह छप चुकी है और गाहे ब गाहे कुछ लोग मंच पर भी सुना देते हैं  लेकिन  हद तो तब हो जाती है जब मेरी कविता को संत पुरुषों के सन्देश में ढाल कर उन्हीं की कविता बता दिया जाता है

ऐसा ही एक उदाहरण आप देख रहे हैं कि भास्कर अख़बार में किसी पाठक ने तरुण सागर जी कद नाम से छपवा रखी है ...सुना तो मैंने यहाँ तक है कि यह कविता तरुण सागर जी के कड़वे वचन नामक पुस्तक में भी प्रकाशित हो चुकी है

अब क्या करूँ ?  धन्यवाद दूं  इस चोरी के लिए  या विरोध करूँ ?

जय हिन्द ! 





जो गरीब को हित करे, धनि रहीम वे लोग


उपकार करने वाले को

उसी प्रकार सुख स्वयं प्राप्त होता है

जैसे

मेंहदी पीसने वाले के हाथ में

अनायास

मेंहदी का रंग लग जाता है

जो गरीब को हित करे, धनि रहीम वे लोग

कहा सुदामा बापुरो, कृष्ण मिताई जोग

- अब्दुर्रहीम खानखाना

जय हिन्द !

hasyakavi albela khatri live on stage

hasyakavi albela khatri live on stage

Wednesday, October 16, 2013

रक्त में रंगा न हो, आदमी नंगा न हो .........


rakt me ranga na ho 
aadmi nanga na ho 
hain yahi shubhkaamnaayen
ab kahin danga na ho 

-albela khatri 

hasyakavi albela khatri's poem

इन्हें अपनी पासबुक में दर्ज़ कर लीजिये ...और रूपये भी ख़ुद के पास ही रख लीजिये


नंगलाल की नौकरी बैंक में कैशियर के पद पर उसी बैंक में लग गई

जिसमे उसके पिता रंगलाल का खाता था । मौके का फायदा उठाने

के लिए रंगलाल कुछ फटे-पुराने नोट ले गया जमा कराने, लेकिन

नंगलाल ने वे नोट स्वीकार नहीं किये ।


नंगलाल : ये नोट बदलिए........

रंगलाल : क्यों क्या खराबी है ?

नंगलाल : फटे हुए हैं

रंगलाल : तो मैं कौनसा तुम्हारे खाते में जमा कर रहा हूँ, ख़ुद के

ही खाते में तो डाल रहा हूँ, जैसे हैं वैसे ही डाल दो.........

नंगलाल : तो मेरी क्या ज़रूरत है आपको ? अपने हाथों से ही

इन्हें अपनी पासबुक में दर्ज़ कर लीजिये ...और रूपये भी ख़ुद के

पास ही रख लीजिये ...ही ही ही


hasyakavi albela khatri on tour

hasyakavi albela khatri on tour

hasyakavi albela khatri on tour

Tuesday, October 15, 2013

मुझे गर्व है कि मैं इनके साथ खड़ा हूँ


प्यारे दोस्तों !
यों तो किसी भी बड़े नेता, अभिनेता, उद्योगपति या समाजसेवी के साथ फोटो खिंचवाते हुए अच्छा ही लगता है परन्तु कुछ हस्तियाँ ऐसी होती हैं जिनके साथ  फोटो खिंचवाते हुए गर्व होता है . एक ऐसा ही फोटो मैं यहाँ लगा रहा हूँ जो मुझे सर्वाधिक प्रिय है .

सबसे पहले मैं आपका परिचय करा दूं ......बायें से दायें -   अभिनेत्री सुजाता मेहता, कोमोडोर एफ़ एच दुभाष, श्रीमती दुभाष, श्रीमती वर्मा, कर्नल सुरेन्द्र सिंह वर्मा, अलबेला खत्री और गुड्डी मारुति - अवसर है HMV द्वारा जारी मेरे ऑडियो एल्बम "तेरी जय हो वीर जवान" के विमोचन का जो कि INS HAMLA  मुंबई में हुआ था और जिसमे तीनों सेनाओं से लगभग चालीस हज़ार लोग उपस्थित रहे थे .

मित्रो, पुणे निवासी कर्नल सुरेन्द्र सिंह वर्मा वो व्यक्ति हैं जिनके इकलौते सुपुत्र कैप्टन अमित वर्मा ने कारगिल संग्राम में अपनी जान देश के नाम कुर्बान कर दी थी . अमर शहीद कैप्टन अमित वर्मा  बहुत छोटी उम्र के ही थे ..अभी शादी भी नहीं हुई थी ....लेकिन  जब उनकी माताजी व पिता कर्नल सुरेन्द्र सिंह वर्मा से मैंने मेरे  देशभक्ति एल्बम के विमोचन के लिए आमंत्रित किया  तो विमोचन अवसर पर उनके शब्द थे - हमें अमित के जाने का दुःख तो बहुत है लेकिन सर्वाधिक दुःख इस बात का है कि  हमारा दूसरा कोई बेटा है ही नहीं देश पर जान देने के लिए .........धन्य हैं ऐसे लोग , धन्य धन्य हैं ऐसे बेटे और ऐसे माँ बाप ,,,,

हालांकि उस ऑडियो के विमोचन के लिए तब भाजपा के एक बड़े नेता प्रमोद महाजन के यहाँ से भी मुझे प्रस्ताव आया था लेकिन मैं  चाहता था  कि शहीदों के सम्मान में बनाए गए एल्बम का लोकार्पण किसी शहीद की माँ के हाथ से हो ...इसलिए  मैंने विनम्रता पूर्वक मना  कर दिया था . वैसे तो उस समारोह में बहुत सारे सेलिब्रेटी मौजूद थे ...लेकिन मेरे लिए कोई बड़े से बड़ा था तो वो कैप्टन अमित वर्मा की माताजी थीं और पिता कर्नल सुरेन्द्र वर्मा थे ...

आपको क्या लगता है ..मैंने ठीक कहा ?
जय हिन्द !

teri jai ho veer jawan by albela khatri
teri jai ho veer jawan by albela khatri